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Wednesday, March 23, 2011

आखरी शाम


चित्र गुगल साभार




जानता हुॅ मैं
तुम मुझसे प्यार नहीं करती।
उस दिन से ही
जब तुम
मेरी जिदंगी में आई थी।
इशारों ही इशारों में
कई बार
तुमने कोशीश भी की
मुझे बताने की।
बावजुद इसके
मैं तुमसे बेइन्तहॉ
मोहब्बत करता हॅु।
उस परवाने की तरह
जो जानता है कि
शमॉ की आगोश में
सिमटते ही
उसकी जिदंगी की
आखरी शाम हो जाएगी।

Wednesday, March 16, 2011

फागुन आयो रे



चित्र गुगल साभार




फागुन की फगुनाहट चढ़ी
दिल में मिलन की आस बढ़ी
आ जाओं अब साजन मेरे
आस का फुल मुरझायों रे
देखो फागुन आयो रे।

सुन कोयल की मीठी कूक
दिल में एक हुक सी उठती है
आकर इस सुखी धरती पर 
प्यार का रस बरसाओ रे
देखो फागुन आयो रे।

दिन तो किसी तरह गुजर जाता है
सूनी रातें नागीन जैसी डसती है
आओ कि तुम्हें समेट लुॅ बाहों में
अब ऐसे ना तरसाओ रे
देखो फागुन आयो रे।

Saturday, March 5, 2011

उन्हे अब और प्यार ना कर


चित्र गुगल साभार


ऐ दिल अब और उनका इन्तजार ना कर
वो नहीं आएगें उन्हे अब और प्यार ना कर।


मिटा दे वक्त के निशॉ जो उनके साथ गुजारे थे
उन लम्हों को याद करके खुद को बेजार ना कर।


जाती है जो गलियॉ उनके घरों तक
उन गलियों का दोबारा दीदार ना कर।


आ गया हुॅ लौट कर तेरे पास ऐ तन्हाई
मैं तुझसे प्यार करूॅ और तु मुझे प्यार कर।