जिस्म तो बहुत मिलते है पर यहॉं प्यार नही मिलता
हथेली पर लिए दिल खड़ा हूँ कोई खरीदार नही मिलता।
कोई तो बताए पता मुझे उस दुकान का
जो बेचता हो वफा वो दुकानदार नही मिलता।
कैसे करू यकीं तेरी वफा पर तु ही बता
इस बेवफा दुनिया में कोई वफादार नही मिलता।
सुना है वक्त ने भी फेर ली है मुझसे ऑखें
उससे बेहतर कोई राजदार नही मिलता।
अपने ही सब कर्मो का असर है ये ‘अमित’
दैर ‘ओ’ हरम में भी परवरदिगार नही मिलता।