इश्क में दूरियाँ एक पल को गवाँरा तो नही
इश्क है, एक बार होता है, दोबारा तो नही।
तेरी गलियाँ लिपटी है खून से ऐ मेरे कातिल
तड़प रहा है एक दिल तेरे दर पे, कहीं हमारा तो नही।
जिंदगी हँसती है कभी मेरी नाकामियों पर
तुम जीत कैसे गए अभी मैं हारा तो नही।
गुम था तेरे ख्यालों में तभी तेरा दीदार हुआ
रूको, जरा देखूँ, फलक से टूटा है कोई तारा तो नही।