चित्र गूगल साभार
सचिन के वनडे क्रिकेट से सन्यास लेने की घोषणा ने चौंका दिया। हॉंलाकि ये सभी जानते थे और शायद इस बात की आशा भी थी कि पाकिस्तान और अस्ट्रेलिया के भारत दौरे के बाद वो सन्यास ले सकते थे। जब सचिन ने ये पहले ही दर्शा दिया था कि वो पाकिस्तान और अस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलेगें इसके बावजूद उनका चयन नही होना वाकई हैरतअंगेज था। हरेक खिलाड़ी को एक न एक दिन जाना होता है लेकिन एक बड़े खिलाड़ी और उससे भी ज्यादा एक अच्छे इंसान का मैदान के बाहर सन्यास लेना वाकई दुखदायी है। ये हमारे देश में ही सभंव है कि जिन दो खिलाड़ियों ने हमारे देश में क्रिकेट को एक नई दिशा दी उन्हें जलालत के साथ विदा होना पड़ा। कपिल देव और सचिन जैसे खिलाड़ियों के साथ ऐसा व्यवहार क्या उचित है? सचिन का भारतीय क्रिकेट में क्या स्थान था वो अजहर और गागंुली से बेहतर कौन जान सकता है। ये वो दौर था जब भारतीय क्रिकेट सचिन के इर्द-गिर्द घूमता था। उस वक्त सचिन के विकेट पर रहने का मतलब भारत मैच में रहता था और आउट होने का मतलब भारत मैच से बाहर। सही मायने में भारत में क्रिकेट का जोश और जुनून सचिन की ही देन है। सचिन ने वास्तव में एक दशक तक भारतीय क्रिकेट को अपने कंधे पर ढोया है। पुरे विश्व में सचिन ही एकमात्र ऐसे खिलाड़ी है जिसने इतने दबाव के बावजुद इतना लबां सफर तय किया। ऐसे महान खिलाड़ी के साथ व्यवहार वाकई शर्मनाक है। सवा करोड़ भारतीयों का क्रिकेट के भगवान को सलाम एवं नम ऑंखों से विदाई।
बहुत सही बात कही है आपने .सार्थक अभिव्यक्ति नारी महज एक शरीर नहीं
ReplyDeletesab mediya ka paap he./////pahle bhagban banaya..fir ptak diya
ReplyDeleteजाना तो था ही उन्हें लेकिन मैदान के बाहर सन्यास लेना वाकई बहुत दुखदायी है। इतने अच्छे और महान खिलाडी की ऐसे विदाई होगी कभी सोच भी नहीं सकते थे
ReplyDeleteआपकी इस उत्कृष्ट पोस्ट की चर्चा कल बुधवार के चर्चा मंच पर भी है | जरूर पधारें |
ReplyDeleteसूचनार्थ |
दुखदाई तो है पर ठीक समय ममें ये संन्यास ले लिए उन्होंने जो उन्हें ओर भी महान बनाता है ...
ReplyDeleteसही कहा आपने........ सहमत हूँ।
ReplyDeleteपल में तोला,पल माशा—हमारी जनता जनार्दन और
ReplyDeleteमीडिया. जो अपने उद्वेश्योम को पूरा करते हैं,उन्हें पता
है कब सिंघासन छोड देना चाहिये.
सचिन क्रिकेट का पर्याय है. उन्हें हम सब का सलाम.
ReplyDeleteसच सचिन के सम्मान में कुछ भी कहना कम है..
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर स्वागत है..नवीन पोस्ट एवं सचिन पर लिखी पिछली पोस्ट पर आमंत्रित है..
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।।।
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♥♥नव वर्ष मंगलमय हो !♥♥
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एक बड़े खिलाड़ी और उससे भी ज्यादा एक अच्छे इंसान का मैदान के बाहर संन्यास लेना वाकई दुखदायी रहा ...
सुंदर पोस्ट अमित जी !
नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित…
राजेन्द्र स्वर्णकार
सचिन के सम्मान में कुछ भी कहना कम है...सुन्दर आलेख के लिए बधाई...
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