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Friday, January 7, 2011

प्यार
प्यार एक ऐसा शब्द जो जानता है सिर्फ देना
जिसमें कोई सौदा नहीं और ना ही किसी से कुछ लेना।

तुम बताओ जरा क्या दे सकती हो सूरज को रोशनी के बदले में
तुम्हें शायद नहीं पता क्या मजा है धीरे-धीरे जलने में।

चाँद की शीतल चाँदनी बिना कुछ लिए धरा पर उतरती है
दरख्तों की ठंडी छाँव बिना कुछ कहे हौले-हौले बिखरती है।

हवाओं का क्या मोल दिया है तुमने जीने के लिए
ये तो अनवरत बहती है फकत देने के लिए।

तुमने पूछा था मुझसे एक दिन के प्यार एकतरफा नहीं होता है
जो भी उतरता है इस दरिया में वो कुछ पाता नहीं सिर्फ खोता है!

11 comments:

  1. जो भी उतरता है इस दरिया में,
    वो कुछ पाता नहीं सिर्फ खोता है!
    सही कहा. जो पाने कि कोशिश करे, वो तो प्यार नहीं- प्रपंच कहलाता है. जो खोने को तैयार रहे, वो ही खरा प्यार होता है. शुभकामनायें.

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  2. सही कहा प्यार सिर्फ देना जानता है लेना नही
    सुन्दर रचना

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  3. तुमने पूछा था मुझसे एक दिन के प्यार एकतरफा नहीं होता है
    जो भी उतरता है इस दरिया में वो कुछ पाता नहीं सिर्फ खोता है!

    amit ji kya sunder sar parstut kiye hai aap is kavita ke madhyam se........ nayab

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  4. pyar men souda nahi sundar abhivyakti, badhai

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  5. सच दुनिया मे प्यार से ज्यादा प्यारा और कोई शब्द हो ही नही सकता
    अर यदि इंसान इस एक शब्द को समझ ले तो उसे कुछ भी समझने की जरूरत ही नही

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  6. pyar yesa hi hota hai
    sunder abhivykti

    is bar mere blog par
    "main"

    aapko nav varsh ki hardik badhayi

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  7. जो प्यार सिर्फ देना जानता है लेना नही वोही खरा प्यार होता है| शुभकामनायें|

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  8. वाह जी वाह, प्यार सिर्फ देना जानता है.............आभार.






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    "तुमने मेरी पत्नी की बेइज्जती की थी" लघु कथा पर आपकी अमूल्य प्रतिक्रिया का इन्तजार रहेगा.
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  9. तुमने पूछा था मुझसे एक दिन के प्यार एकतरफा नहीं होता है
    जो भी उतरता है इस दरिया में वो कुछ पाता नहीं सिर्फ खोता है!
    बखूबी अभिव्यक्त किया है प्यार को सच में प्यार में सिर्फ देना होता है लेना नहीं ...सहज समर्पण है प्यार ... ,,हर एक शेर लाजबाब है क्या कहें ...बहुत बढ़िया अंदाज ...शुक्रिया

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  10. बहुत सुन्दर रचना..!

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