इस ब्लाग की सभी रचनाओं का सर्वाधिकार सुरक्षित है। बिना आज्ञा के इसका इस्तेमाल कापीराईट एक्ट के तहत दडंनीय अपराध होगा।

Sunday, January 2, 2011

आज फिर उनके रूख पे नकाब नहीं है

कुछ दिनों के लिए मैं बाहर चला गया था इसलिए आप लोगो से दूर हो गया था। यही वजह थी कि आपलोगों की रचनाओं को नहीं पढ़ सका। इसके लिए आपलोगों से क्षमाप्रार्थी हुॅ।
चित्र गुगल साभार


आज फिर किसी का कत्ल होगा शायद
आज फिर उनके रूख पे नकाब नहीं है।

हैं मुज़्तरिब वो कि उनका कोई रक़ीब नहीं
आखिर इन्सॉं है वो कोई माहताब नहीं है।

न गुजरेगें हम कभी कू ए यार से लिल्लाह
रहजन है वो दिल का कोई पासबॉं नही है।

क्यों करता है खुद को तबाहो बर्बाद ‘अमित’
खुदा के पास भी उनकी बेवफाई का जबाब नहीं है।

26 comments:

  1. sabhee sher bahut acche hain lekin doosaraa sher bahut hee acchaa lagaa| badhaaIi

    ReplyDelete
  2. वाह अमित भाई वाह
    बेहतरीन गज़ल कही

    ReplyDelete
  3. खुदा के पास भी उनकी बेवफ़ाई का जवाब नहीं है ।
    क्या बात है ...मज़ा आ गया ..

    ReplyDelete
  4. nice amit ji.... aapki urdu to dil ko chhoo gai...

    ReplyDelete
  5. वाह जी वाह, क्या शेर कहें हैं.

    लाजवाब रचना.

    साधुवाद.

    ReplyDelete
  6. "खुदा के पास भी उनकी बेवफाई का जवाब नहीं है"

    क्या सुन्दर रचना है,

    बेमिशाल !

    अत्यंत ही सुन्दर गजल के लिए साधुवाद स्वीकार करें.

    ------------------------------------------------
    नव वर्ष आपके जीवन को नए आयाम दे, आप समाज दे हित में कुछ कर पायें, ईश्वर से कामना है.
    ------------------------------------------------

    ReplyDelete
  7. क्यों करता है खुद को तबाहो बर्बाद ‘अमित’
    खुदा के पास भी उनकी बेवफाई का जबाब नहीं है।
    wah kya gajab ke nazm hai.... har nazb ekdam anmol hai. sunder prastuti.

    ReplyDelete
  8. अत्यंत सुन्दर ग़ज़ल के लिए धन्यवाद|

    ReplyDelete
  9. सुन्दर रचना!
    आज इसकी चर्चा चर्चा मंच पर भी है!

    ReplyDelete
  10. अच्छी रचना ....हार्दिक शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  11. बहुत खूबसूरत गजल ...........

    ReplyDelete
  12. नए साल की आपको सपरिवार ढेरो बधाईयाँ !!!!

    ReplyDelete
  13. पांच लाख से भी जियादा लोग फायदा उठा चुके हैं
    प्यारे मालिक के ये दो नाम हैं जो कोई भी इनको सच्चे दिल से 100 बार पढेगा।
    मालिक उसको हर परेशानी से छुटकारा देगा और अपना सच्चा रास्ता
    दिखा कर रहेगा। वो दो नाम यह हैं।
    या हादी
    (ऐ सच्चा रास्ता दिखाने वाले)

    या रहीम
    (ऐ हर परेशानी में दया करने वाले)

    आइये हमारे ब्लॉग पर और पढ़िए एक छोटी सी पुस्तक
    {आप की अमानत आपकी सेवा में}
    इस पुस्तक को पढ़ कर
    पांच लाख से भी जियादा लोग
    फायदा उठा चुके हैं ब्लॉग का पता है aapkiamanat.blogspotcom

    ReplyDelete
  14. बेजोड़ प्रस्तुति /
    शानदार अभिव्यक्ति

    ReplyDelete
  15. क्यों करता है खुद को तबाहो बर्बाद ‘अमित’
    खुदा के पास भी उनकी बेवफाई का जबाब नहीं है।


    kamaal ki prastuti.

    ReplyDelete
  16. फोटो भी क़त्ल करने वाली ही लगाई है आपने.
    नए साल की हार्दिक बधाई.

    ReplyDelete
  17. खुदा के पास भी उसकी बेवफाई का जवाब नहीं है ...
    लाजवाब ग़ज़ल !

    ReplyDelete
  18. न गुजरेगें हम कभी कू ए यार से लिल्लाह
    रहजन है वो दिल का कोई पासबॉं नही है।

    wah..wah..bya krne ko shabd nahi hai mere pas...

    ReplyDelete
  19. खुदा के पास उनकी बेवफाई का माना जवाब नही
    मगर खुदा गर आपकी गजल पढ ले तो भी उनके पास तारीफ के लिये शायद शब्द कम पड जायेंगे ।

    ReplyDelete
  20. urdu ke itne ache sabd se bakif karane ke liye dhanyabad

    ReplyDelete
  21. आज फिर किसी का कत्ल होगा शायद
    आज फिर उनके रूख पे नकाब नहीं है।

    wallah kya baat hai :)

    abhar

    Naaz

    ReplyDelete