चित्र गुगल साभार
आज फिर किसी का कत्ल होगा शायद
आज फिर उनके रूख पे नकाब नहीं है।
हैं मुज़्तरिब वो कि उनका कोई रक़ीब नहीं
आखिर इन्सॉं है वो कोई माहताब नहीं है।
न गुजरेगें हम कभी कू ए यार से लिल्लाह
रहजन है वो दिल का कोई पासबॉं नही है।
क्यों करता है खुद को तबाहो बर्बाद ‘अमित’
खुदा के पास भी उनकी बेवफाई का जबाब नहीं है।
sabhee sher bahut acche hain lekin doosaraa sher bahut hee acchaa lagaa| badhaaIi
ReplyDeleteवाह अमित भाई वाह
ReplyDeleteबेहतरीन गज़ल कही
खुदा के पास भी उनकी बेवफ़ाई का जवाब नहीं है ।
ReplyDeleteक्या बात है ...मज़ा आ गया ..
nice amit ji.... aapki urdu to dil ko chhoo gai...
ReplyDeleteवाह जी वाह, क्या शेर कहें हैं.
ReplyDeleteलाजवाब रचना.
साधुवाद.
"खुदा के पास भी उनकी बेवफाई का जवाब नहीं है"
ReplyDeleteक्या सुन्दर रचना है,
बेमिशाल !
अत्यंत ही सुन्दर गजल के लिए साधुवाद स्वीकार करें.
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नव वर्ष आपके जीवन को नए आयाम दे, आप समाज दे हित में कुछ कर पायें, ईश्वर से कामना है.
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This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteamitji,
ReplyDeleteumda gazal.
chitr sanyojan bahut achchha.
क्यों करता है खुद को तबाहो बर्बाद ‘अमित’
ReplyDeleteखुदा के पास भी उनकी बेवफाई का जबाब नहीं है।
wah kya gajab ke nazm hai.... har nazb ekdam anmol hai. sunder prastuti.
अत्यंत सुन्दर ग़ज़ल के लिए धन्यवाद|
ReplyDeleteसुन्दर रचना!
ReplyDeleteआज इसकी चर्चा चर्चा मंच पर भी है!
अच्छी रचना ....हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत गजल ...........
ReplyDeleteनए साल की आपको सपरिवार ढेरो बधाईयाँ !!!!
ReplyDeletenice
ReplyDeleteपांच लाख से भी जियादा लोग फायदा उठा चुके हैं
ReplyDeleteप्यारे मालिक के ये दो नाम हैं जो कोई भी इनको सच्चे दिल से 100 बार पढेगा।
मालिक उसको हर परेशानी से छुटकारा देगा और अपना सच्चा रास्ता
दिखा कर रहेगा। वो दो नाम यह हैं।
या हादी
(ऐ सच्चा रास्ता दिखाने वाले)
या रहीम
(ऐ हर परेशानी में दया करने वाले)
आइये हमारे ब्लॉग पर और पढ़िए एक छोटी सी पुस्तक
{आप की अमानत आपकी सेवा में}
इस पुस्तक को पढ़ कर
पांच लाख से भी जियादा लोग
फायदा उठा चुके हैं ब्लॉग का पता है aapkiamanat.blogspotcom
बेजोड़ प्रस्तुति /
ReplyDeleteशानदार अभिव्यक्ति
kya bat hai. subhan allah!
ReplyDeleteक्यों करता है खुद को तबाहो बर्बाद ‘अमित’
ReplyDeleteखुदा के पास भी उनकी बेवफाई का जबाब नहीं है।
kamaal ki prastuti.
फोटो भी क़त्ल करने वाली ही लगाई है आपने.
ReplyDeleteनए साल की हार्दिक बधाई.
खुदा के पास भी उसकी बेवफाई का जवाब नहीं है ...
ReplyDeleteलाजवाब ग़ज़ल !
न गुजरेगें हम कभी कू ए यार से लिल्लाह
ReplyDeleteरहजन है वो दिल का कोई पासबॉं नही है।
wah..wah..bya krne ko shabd nahi hai mere pas...
बेहतरीन गज़ल....
ReplyDeleteखुदा के पास उनकी बेवफाई का माना जवाब नही
ReplyDeleteमगर खुदा गर आपकी गजल पढ ले तो भी उनके पास तारीफ के लिये शायद शब्द कम पड जायेंगे ।
urdu ke itne ache sabd se bakif karane ke liye dhanyabad
ReplyDeleteखूबसूरत गज़ल
ReplyDeleteआज फिर किसी का कत्ल होगा शायद
ReplyDeleteआज फिर उनके रूख पे नकाब नहीं है।
wallah kya baat hai :)
abhar
Naaz