एक लंबे अतंराल के बाद एक बार फिर से आप सभी लोगों के साथ आना अच्छा लग रहा है। कुछ व्यस्तता थी जिसकी वजह से लगभग डेढ़ महीने नेट चलाया ही नही। अब एक बार फिर से आप सभी के पास आ गया हुं। आशा है आप सभी लोगों का स्नेह और प्यार पहले की तरह ही हमें मिलता रहेगा।
किसी से सुना था मैंने
इस बार छुटि्टयों मेंकुछ दिनों के लिए ही सही
तुम यहॉ आई थी।
सोए हुए ख्वाब
फिर से जाग गए।
दिल की गहराईयों में
फिर कहीं
एक आस की किरण
अपने पंख
फड़फड़ाने लगी।
इस ख़्याल से कि
कुछ पल के लिए ही सही
कम से कम
एकबार तो जरूर
मिलने आओगी।
प्यार के रिश्ते को ना सही
दोस्ती का रिश्ता तो
अवश्य निभाओगी।
निगाहें खुद ब खुद
उठ जाती थी
उन राहों पर
जिनसे तुम
गुजरा करती थी।
निगाहें
हर आने जाने वालों में
तुम्हारा चेहरा
तलाश करती थी।
दिन गुजरते गए
और हर गुजरते दिनों के साथ
मैं दिल को समझाता रहा
शायद अगले दिन
उससे मुलाकात हो।
अचानक तभी
उसने आकर बताया
तुम सबेरे वाली बस से
वापस चली गई।
मैंने दिल को
तसल्ली दी (झुठी ही सही)
और खुद को बहलाया।
अरे क्या हुआ
जो वो नही आए
कम से कम उनका
ख़्याल तो आया।
खूबसूरत ख़याल ..
ReplyDeleteबहुत ही खूबसूरत ख़याल आया .....सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर.....
ReplyDeleteअमित भाई ये कविता नहीं एक सच्चाई सी जान पड़ती है (एक खूबसूरत अहसास)
ReplyDeleteइस बेहतरीन ख्याल के लिए आभार
प्यार भरे खूबसूरत ख्यालों से सजी पोस्ट॥अकसर प्यार में खुद को यह कह कर ही समझना पड़ता हैं की क्या हुआ जो वो नहीं आया वो न सही उसका ख्याल तो आया ...बहुत खूब समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत लिखा है सर।
ReplyDelete----
कल 22/10/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
हाँ काफी दिनों बाद आपकी कोई पोस्ट आई है........स्वागत है आपका........माफ़ कीजिये शुरुआत बहुत अच्छी थी पर आखिर में लगा की पोस्ट का अंत कुछ ठीक नहीं हो पाया .........
ReplyDeleteबहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण अहसास..बहुत सुन्दर
ReplyDeletebahut sundar khayal....
ReplyDeletePrakash
www.poeticprakash.com
बहुत सुन्दर अहसास...
ReplyDeleteक्या हुआ जो वो नहीं आये उनका ख्याल तो आया .... बहुत सुन्दर अहसास
ReplyDeleteऔर हाँ जी उल्लू की पूजा करने वाले को जाना जाता है, गृहलक्ष्मी के नाम से.... :)
ReplyDeletebahut hi sundar panktiyan....pahli baar aana hua par aakar accha laga....
ReplyDeleteखुबसूरत ख्याल..
ReplyDeleteमन कितनी बातें करता है ....
ReplyDeleteलब्जों में पिरोए गए खुबसूरत अहसास.... दिल को छू गई....
ReplyDeleteबहुत ही खूबसूरत ख़याल .........
ReplyDeleteसुंदर कविता, सुंदर भाव।
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
बहुत ही सुन्दर.
ReplyDeleteबढिया एह्सास....! सुंदर प्रस्तुति !
ReplyDeleteकुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी ..
ReplyDeleteयूँ कोई बेवफा नहीं होता ...
लाजवाब रचना ... दिवाली की शुभ कामनाएं ..
nice.........
ReplyDeletebahut khoob
ReplyDeleteati sundar bhavpurn rachana hai....
ReplyDeletesundar prastuti...