चित्र गूगल साभार
तुम्हारे बिना मैं अधूरा हूँ
और मेरे बिना तुम ।
एक तुम ही तो हो
जो हर वक्त मेरे साथ रहती हो ।
मेरी तनहाइयों में भी
तुम्हारा वजूद इतनी मजबूती के साथ
अपना आभास करता है कि
मैं चाहकर भी तुम्हे नकार नहीं सकता ।
अपने हर सुख और दुःख को
ना जाने कब से मैं
तुम्हारे साथ साझा करता आ रहा हूँ ।
तुमने हर कदम
मेरा हौसला बढाया है ।
जब भी गिरा हूँ मैं
या फिर दुनिया वालों ने
जब सताया है
तुम्हारे पास ही तो
आया हूँ मैं ।
अपनी आगोश में लेकर
ना जाने कितनी बार
तुमने मुझे टूटने से
बचाया है ।
पहले लगता था
कि शायद
तुम मेरी सोच तक ही सीमित हो ।
लेकिन अब एहसास होता है कि
तुम्हारे बिना मेरा वजूद
हो ही नहीं सकता ।
हम दोनों आपस में
कुछ इस तरह से जुड़े हैं
जैसे शरीर के साथ
सांसों कि डोर ।
अक्सर कुछ इसी तरह की
बातें किया करते है
जब साथ होते हैं
मैं और मेरी कवितायेँ ।
चित्र का चुनाव बहुत ही बढिया है.
ReplyDeleteकविता भी उतनी ही भावमयी...!
बहुत बढ़िया सर!
ReplyDelete---
कल 04/11/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
वाह क्या अन्दाज़ है बात करने का।
ReplyDeleteअक्सर कुछ इसी तरह की
ReplyDeleteबातें किया करते है
जब साथ होते हैं
मैं और मेरी कवितायेँ ।एक अलग ही अंदाज़ में रचना.....
साधु-साधु
ReplyDeleteआपके ब्लॉग पर बहुत दिनों बाद आया /क्षमा करें
ReplyDelete.बहुत खूब /अति सुंदर //
ReplyDeleteआज 03 - 11 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
ReplyDelete...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
_____________________________
आज 03 - 11 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
ReplyDelete...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
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क्या खूब अंदाज़-ए-बयां.............सुभानाल्लाह|
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकारें.
ReplyDeleteमैं और मेरी कवितायेँ...
ReplyDeleteयही तो हैं जो हर वक़्त साथ होती हैं...
बहुत सुन्दर रचना...
मैं और मेरी कवितायेँ ।
ReplyDeletebehtareen
www.poeticprakash.com
सुन्दर प्रस्तुति ...
ReplyDeleteअमित जी ,..क्या खूबशुरती से आपने कविता लिखी पढकर आनंद आ गया..लाजबाब पोस्ट...
ReplyDeleteमेरे नये पोस्ट पर स्वागत है ....
सुख हो या दुख,अपना हो या औरों का-भावों की अभिव्यक्ति महत्वपूर्ण है। कविता से सशक्त माध्यम भला इसके लिए और क्या होगी!
ReplyDeleteसच ही कहा आपने यह कुछ वैसे ही बात है जैसे मैं और मेरी तनहाई अक्सर ये बातें किया करते है तुम होती तो ऐसा होता तुम होती तो वैसा होता ...खैरलेखन से अच्छा और कोई माध्यम मुझे भी और कोई नहीं लगता यह भी समय की तरह हर मर्ज की दावा बनजाता है ..... बहुत बढ़िया दिल को छु लेने वाली अपनी सी कविता
ReplyDeletekomal bhaavo ko sunder shabdo me goothti abhivyakti.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर वाह!
ReplyDeleteसादर...
bahut bahut bahut hi sundar
ReplyDeletekavita..
lajavab
पहले लगता था
ReplyDeleteकि शायद
तुम मेरी सोच तक ही सीमित हो ।
लेकिन अब एहसास होता है कि
तुम्हारे बिना मेरा वजूद
हो ही नहीं सकता ।
waah....ati sundar
अक्सर कुछ इसी तरह की
ReplyDeleteबातें किया करते है
जब साथ होते हैं
मैं और मेरी कवितायेँ ।
कविताएं भी सुख-दुख की संगिनी बन जाती हैं।
अच्छी कविता।
बहुत खूब! बहुत बढ़िया..
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