उसको देखता हूं तो लगता है यूं
जैसे सुबह की लालिमा लिए
आसमां की क्षितिज पर
एक तारा टिमटिमा रहा हो।
उसकी खामोश निगाहें
कुछ कहना चाहती है मुझसे
होठों पर है ढेर सारी बातें
फिर भी न जाने क्यूं चुप है।
हंसती है वो तो
चमन में फूल खिलते हैं।
बात करती है तो लगता है
दूर कहीं झरने बहते हैं।
उसकी शोख और चंचल अदाएं
मुझको दिवाना बनाती है।
उसकी सादगी हर पल
एक नया संगीत सुनाती है।
इतना तो पता है कि
उसको भी मुझसे प्यार है।
कभी तो नज़र उठेगी मेरी तरफ,
उस वक्त का इन्तजार है।
खूबसूरती से लिखे एहसास ....शीर्षक ठीक कर लें ....
ReplyDeleteलड़की
सुन्दर कविता .........आभार.
ReplyDeletebahoot sunder......ummidon ko jivit karti hui kavita
ReplyDeletesabr ka fal meetha hota hai
ReplyDeleteshubh deepawli
Bahut Sundar Kavita hai.
ReplyDeleteबिलकुल सही लिखा जरूर किसी ख़ास के लिए लिखा है..
ReplyDeleteपंक्तियों की सुन्दरता यही बयां कर रहीं है.
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