अतीत के पन्ने
पलटते पलटते
बहुत दूर तक निकल आया था मैं।
तस्वीरें
अब धुधंली हो गई थी।
वक्त की बारिश ने
शब्दों से जैसे
उसकी चमक छीन ली थी।
पर
उन धुधंली तस्वीरों में
एक तस्वीर
तुम्हारी भी थी।
वही मासुमियत
साँवलें चेहरे पर
सुबह की खिलती
किरणों की तरह मुस्कान।
तुम्हारे साथ गुजरा हुआ
हर लम्हा
सबकुछ तो साफ साफ था।
चित्र गूगल साभार
ऐसा लगता है
जैसे
वक्त ने तुम्हे
छुआ ही न हो।
समय के
घूमते हुए चक्र से
तुम बहुत आगे
निकल गई हो।
अतीत की किताब के पन्ने
चाहे कितने भी
धुधंले क्यो न हो जाए
पर लगता है
तुम्हारा पन्ना ताउम्र
अनछुआ ही रहेगा।
बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........
ReplyDeleteVERY NICE .
ReplyDeleteलगता है
जैसे
वक्त ने तुम्हे छुआ ही न हो।
समय के घूमते हुए चक्र से
तुम बहुत आगे निकल गई हो।
अतीत की किताब के पन्ने
चाहे कितने भी धुधंले क्यो न हो जाए
पर लगता है
तुम्हारा पन्ना ताउम्र अनछुआ ही रहेगा
बहुत सुंदर !
बहुत खूबसूरत !
वाऽह ! क्या बात है !
अमित जी
रचना भावपूर्ण है …
सुंदर भाव ! सुंदर शब्द !
खूबसूरत रचना !
…आपकी लेखनी से सुंदर रचनाओं का सृजन ऐसे ही होता रहे, यही कामना है …
शुभकामनाओं सहित…
आपका बहुत बहुत आभार. आपका स्नेह और प्यार इसी तरह मिलता रहे यही कामना है.
Deleteधन्यवाद यशवन्त जी.
ReplyDeleteतुम्हारा पन्ना ताउम्र
ReplyDeleteअनछुआ ही रहेगा।
प्रेम चरम अभिव्यक्ति
सुंदर भाव
ReplyDeleteखूबसूरत रचना ! उन धुधंली तस्वीरों में
एक तस्वीर
तुम्हारी भी थी।
वही मासुमियत
साँवलें चेहरे पर
सुबह की खिलती
किरणों की तरह मुस्कान।
तुम्हारे साथ गुजरा हुआ
हर लम्हा
सबकुछ तो साफ साफ था।
वाह.....
ReplyDeleteसुन्दर...
अति सुन्दर.....
अनु
कोमल अहसासयुक्त अति सुन्दर रचना...
ReplyDelete:-)
बेहद प्रभावित करती अभिवयक्ति.........
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर एवं प्रभाशाली रचना अंतिम पंक्तियों ने समा बांध दिया है...
ReplyDeleteअतीत की किताब के पन्ने
ReplyDeleteचाहे कितने भी
धुधंले क्यो न हो जाए
पर लगता है
तुम्हारा पन्ना ताउम्र
अनछुआ ही रहेगा।
बहुत सुंदर अभिवयक्ति......
बेहतरीन और शानदार ।
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति .....
ReplyDeleteअतीत की किताब के पन्ने
ReplyDeleteचाहे कितने भी
धुधंले क्यो न हो जाए
पर लगता है
तुम्हारा पन्ना ताउम्र
अनछुआ ही रहेगा।
.... बहुत खूब! बहुत अद्भुत अहसास...बहुत सुंदर
कहरे एहसास लिए ... सच है वो पन्ना अनछुआ ही लाता है हमेशा .. ताजगी भरा ...
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