इस ब्लाग की सभी रचनाओं का सर्वाधिकार सुरक्षित है। बिना आज्ञा के इसका इस्तेमाल कापीराईट एक्ट के तहत दडंनीय अपराध होगा।

Thursday, February 13, 2014

दिल के जख्मों को मुस्कुराने तो दो.........


 चित्र गूगल साभार



दिल के जख्मों को मुस्कुराने तो दो
यादों में इसे तेरी डूब जाने तो दो।

लौटकर आएगा फिर से बहारों का हुजूम
मौसम-ए-खिंजा को एक बार गुजर जाने तो दो।

चाहे जितना घना हो अंधेरा, मिट जाएगा
शब-ए-चराग को रौशन हो जाने तो दो।

होगें शामिल एकदिन वो भी हमारी महफिल में
उनके दिल की हसरतों को मचल जाने तो दो।

फिर से छेड़ेगें कोई राग इन फजाओं में
कोई अफसाना मुकम्मल हो जाने तो दो।

5 comments: