आपके प्यार के वो हसीन लम्हें हम भुलाए कैसें
दिल पे इतने जख्म हैं उन्हें दिखाए कैसें ।
आज भी ये दिल धड़कता है आपके लिए
आपको हम बताएं तो बताएं कैसे
गुजर गया वो जमाना जब हम साथ थे,
गमों से दूर और खूशी के पास थे।
हाथों से हाथ छूट गए,
दिल के रिश्ते टूट गए।
छलक आते हैं आंसू इन आंखों में,
बेदर्द जमाने से उसे छुपाए कैसे।
आपके प्यार के वो हसीन लम्हें हम भुलाए कैसें।
बीत गए दिन, महीने और साल,
पलट कर उन्होंने कभी पूछा न मेरा हाल।
गिला नहीं के वो भूल गए मेरा प्यार,
हम तो आखिरी सांस तक करेंगे आपका इन्तजार।
आप जान हो मेरी आपको इस दिल से मिटाए कैसे,
आपके प्यार के वो हसीन लम्हें हम भुलाए कैसें!
bahut achchhi kavita.dhanayawad.
ReplyDeleteachi likhi hai feelings....lkein daad nahi dungi kyo ki dil ki bate hai darsd deti hai ye
ReplyDeleteसुंदर रचना
ReplyDeleteMaza aa gaya.
ReplyDeletebahut achhi rachna hai aapki
ReplyDeletekripya mera bhi blog dekhe
link hai www.deepti09sharma.blogspot.com
इस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
ReplyDeleteदिल से लिखी गई रचना...शुभ कामनाएं
ReplyDeletehttp://veenakesur.blogspot.com/