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Sunday, August 22, 2010

हसीन लम्हें












आपके प्यार के वो हसीन लम्हें हम भुलाए कैसें
दिल पे इतने जख्म हैं उन्हें दिखाए कैसें ।
आज भी ये दिल धड़कता है आपके लिए
आपको हम बताएं तो बताएं कैसे
गुजर गया वो जमाना जब हम साथ थे,
गमों से दूर और खूशी के पास थे।
हाथों से हाथ छूट गए,
दिल के रिश्ते टूट गए।
छलक आते हैं आंसू इन आंखों में,
बेदर्द जमाने से उसे छुपाए कैसे।
आपके प्यार के वो हसीन लम्हें हम भुलाए कैसें।
बीत गए दिन, महीने और साल,
पलट कर उन्होंने कभी पूछा न मेरा हाल।
गिला नहीं के वो भूल गए मेरा प्यार,
हम तो आखिरी सांस तक करेंगे आपका इन्तजार।
आप जान हो मेरी आपको इस दिल से मिटाए कैसे,
आपके प्यार के वो हसीन लम्हें हम भुलाए कैसें!

7 comments:

  1. achi likhi hai feelings....lkein daad nahi dungi kyo ki dil ki bate hai darsd deti hai ye

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  2. सुंदर रचना

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  3. bahut achhi rachna hai aapki
    kripya mera bhi blog dekhe
    link hai www.deepti09sharma.blogspot.com

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  4. इस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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  5. दिल से लिखी गई रचना...शुभ कामनाएं

    http://veenakesur.blogspot.com/

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