चित्र गुगल साभार
जब से तुम्हें चाहा मैनें
क्या कहे क्या हाल है।
जिंदगी अब जिंदगी नहीं
एक दरिया-ए-अजाब है।
तन्हाई में भी चैन नहीं
महफिल में भी दिल उदास है।
कहॉ जाउॅ क्या करू मैं
अब तिश्नगी बेहिसाब है।
दिल पर अब इख्तियार नहीं
मुश्किल हुआ इजहार है।
काश! तुम मेरे होते
कितना हॅसी ये ख्वाब है।
इस तिश्नगी को दूर करने में पूरी उम्र निकल जाती है | खुबसूरत रचना ,आभार
ReplyDeletekitna hasi ye khwab hai... aur kitni hasi ye rachna hai... bhut khubsurat....
ReplyDeleteकितना हसीन ये ख्वाब है....अमित जी बहुत सुन्दर !
ReplyDeleteदिल पर अब इख्तियार नहीं
ReplyDeleteमुश्किल हुआ इजहार है।
काश! तुम मेरे होते
कितना हॅसी ये ख्वाब है।
ओह ! ये पंक्तियाँ तो दिल को छू गई....
कुछ ख़्वाब हकीकत से ज़ियादा खूबसूरत होते हैं.
ReplyDeleteखुबसूरत रचना ,आभार|
ReplyDeleteख्वाब ही सही खूबसूरत तो है ..अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteदिल पर अब इख्तियार नहीं
ReplyDeleteमुश्किल हुआ इजहार है।
काश! तुम मेरे होते
कितना हॅसी ये ख्वाब है।
बहुत सुंदर,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
बहुत ही सहज और सरल अभिव्यक्ति बधाई .स्पोतेनिअस फ्लो ,स्वतः प्रह्वाहित भाव धार .
ReplyDeleteतन्हाई में भी चैन नहीं
ReplyDeleteमहफिल में भी दिल उदास है।
कहॉ जाउॅ क्या करू मैं
अब तिश्नगी बेहिसाब है...
Awesome !
.
दिल पर अब इख्तियार नहीं
ReplyDeleteमुश्किल हुआ इजहार है।
काश! तुम मेरे होते
कितना हॅसी ये ख्वाब है।
बहुत खुबसूरत अशआर है जनाब....वाह
काश! तुम मेरे होते
ReplyDeleteकितना हॅसी ये ख्वाब है। बस ऐसे ख्वाब ही हसीन होते हैं यथार्थ नही। अच्छी रचना
बधाई।
ये प्यार का एहसास ही तो भीड़ में खुद को अकेला कर देता है --
ReplyDeletekhaab bhi khoobsurat na ho to insaan jayega kahan :) sunder abhivyakti.
ReplyDeleteआभार !
ReplyDeleteप्रेम विरह की सुन्दर रचना ..........
ReplyDeleteसाथ में चित्र का संयोजन तो लाजवाब है अमित जी
दिल को छू गई पंक्तियाँ....
ReplyDeleteकई बार ये प्यार आजाब बन जाता है ...खुद पे इख्तियार नहीं रहता ... अच्छा एहसास है ...
ReplyDeleteकाश तुम मेरे होते .....
ReplyDeleteख्वाहिशों को लफ़्ज़ों में पिरो कर
बहुत सुन्दर रचना कही है
बधाई .