चित्र गुगल साभार
सारा जहॉ साथ है मेरे
पर तुम्हारी कमी सी है
भीगा भीगा है समॉ
और ऑखों में नमी सी है।
खुशियों के बादल छॅट गए
गमों का खुला आसमान है
मिट गई जीने के ख्वाहिश
दिल की दुनिया वीरान है।
हैरॉ है मेरी ऑखे
और हम परेशान है
हम तुम्हें समझ न पाए
हम कितने नादान है।
जिन्दगी और मौत के
फासले सिमट गए
बस चंद सॉसे थमी सी है।
सारा जहॉ साथ है मेरे
पर तुम्हारी कमी सी है
भीगा भीगा है समॉ
और ऑखों में नमी सी है।
Waah! Bahut badhiya.
ReplyDeleteखुशियों के बादल छॅट गए
ReplyDeleteगमों का खुला आसमान है
मिट गई जीने के ख्वाहिश
दिल की दुनिया वीरान है।
दिल के दर्द को आपने बहुत सुन्दरता से सामने रखा है ....आपका आभार
बहुत सुन्दर अभिवयक्ति....
ReplyDeleteकमी तो कमी ही रहेगी अमित जी सुंदर अभिव्यक्ति , बधाई
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया।
ReplyDeleteसादर
very nice......keep it up.
ReplyDeletekisi ki kami ki khubsurat abhivaykti....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिवयक्ति..
ReplyDeleteमिट गई जीने के ख्वाहिश
को
मिट गई जीने की ख्वाहिश कर लें.
आभार
किसी अपने की कमी ऐसे एहसास जगा देती है मन में ...
ReplyDeleteकल 24/08/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
भीगा भीगा है समॉ
ReplyDeleteऔर ऑखों में नमी सी है।
फासले सिमट गए
बस चंद सॉसे थमी सी है।
bahut khoob likhi hai aapne.. aabhar..