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Saturday, December 3, 2011

तुमसे प्यार करना मेरा सबसे बड़ा गुनाह हो गया


चित्र गूगल साभार 


तुमसे प्यार करना मेरा सबसे बड़ा गुनाह हो गया 
इस कदर मैने चाहा तुम्हें के खुद फना हो गया।

दिल पे जख्मों के निशॉं अभी बाकी है
हाथ में जाम है और सामने साकी है
इतनी पी मैनें के होश से जुदा हो गया
इस कदर मैनें चाहा तुझे के खुद फना हो गया।

इश्क वो सैलाब है जो हर दिल में उठती है
साहिल भी लहरों से मिलने को मचलती है
डुबा जो इसमें उसका निशॉ तक खो गया
इस कदर मैने चाहा तुझे के खुद फना हो गया।

हम भी कभी खुद पे नाज किया करते थे
न फिक्र थी कोई बस अपनी धुन में रहते थे
मिला जो तुमसे मै तो दाना से नादॉं हो गया
इस कदर मैने चाहा तुझे के खुद फना हो गया।

तुमसे प्यार करना मेरा सबसे बड़ा गुनाह हो गया
इस कदर मैने चाहा तुम्हें के खुद फना हो गया।

20 comments:

  1. बहुत खूबसूरत , बधाई.

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  2. muhabbat gunah nahi hoti
    aashik ke lab pe aah nahi hoti..

    sundar...

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  3. दिल पे जख्मों के निशॉं अभी बाकी है
    हाथ में जाम है और सामने साकी है
    इतनी पी मैनें के होश से जुदा हो गया

    खूबसूरत नज़्म!

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  4. बहुत बढ़िया प्रस्तुति

    Gyan Darpan
    Matrimonial Site

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  5. मुहब्बत तो इवादत होती हैं गुनाह नहीं अच्छी रचना बधाई

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  6. हम भी कभी खुद पे नाज किया करते थे
    न फिक्र थी कोई बस अपनी धुन में रहते थे
    मिला जो तुमसे मै तो दाना से नादॉं हो गया//
    waah amit jee

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  7. इस कदर मैने चाहा तुम्हें के खुद फना हो गया।
    बहुत खूबसूरत...

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  8. हम भी कभी खुद पे नाज किया करते थे
    न फिक्र थी कोई बस अपनी धुन में रहते थे
    मिला जो तुमसे मै तो दाना से नादॉं हो गया
    इस कदर मैने चाहा तुझे के खुद फना हो गया।


    भावनाओं से भरी सुन्दर प्रस्तुति

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  9. वाह! बहुत सुन्दर |

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  10. मिला जो तुमसे मै तो दाना से नादॉं हो गया
    इस कदर मैने चाहा तुझे के खुद फना हो गया।

    sach kaya pyar to sabka bura haal karta hai.

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  11. भावपूर्ण कविता के लिए आभार...

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  12. बढ़िया अभिव्यक्ति ... ...
    शुभकामनायें आपको !

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  13. bahut hi sundar bhavpurn rachana hai...
    apki rachana bhavpurn to hai hi par jis tarah se ise tukant shabdo me likha hai wah ise or bhi rochak banata hai...

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  14. बहुत सुंदर प्रस्तुति ...बधाई

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  15. बहुत खूबसूरत ग़ज़ल.........शानदार लगी | यहाँ थोडा ध्यान दिलाना चाहूँगा......

    इश्क वो सैलाब है जो हर दिल में उठती है
    साहिल भी लहरों से मिलने को मचलती है

    मुझे लगा की इसमें 'उठती' की जगह 'उठता' और 'मचलती' की जगह 'मचलता' होना चाहिए था|

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  16. बहुत सुंदर बेहतरीन प्रस्तुति,...बधाई अच्छा प्रयास ...
    मेरे नए पोस्ट पर आइये,........

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  17. मेरे पोस्ट में आने के लिए आभार,...इसी तरह स्नेह बनाये रखे

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  18. प्रेम में यही होता है। सब रहता है-सिवाए होश के!

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  19. सुन्‍दर अहसास को आवाज देती पंक्तियों के लिए बधाई ।

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