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Friday, October 15, 2010

अर्ज किया है......


(1)
जीते रहे हम जिनकी खुशी के लिए
वो रोने भी न आए मेरे मरने के बाद

(2)
ऐ खुदा किसी को ऐसी खुदाई ना दे
प्यार दे इस दिल में तो जुदाई ना दे

(3)
जो तड.पे ही नही किसी की याद में
वो क्या जाने इन्तजार क्या होता है।
जिसने महसुस ही नही किया दर्द को
वो क्या जाने प्यार क्या होता है।

7 comments:

  1. bahut achha arz kiya hai, mamaji.

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  2. लगे रहि‍ये आदरणीय कहीं ना कहीं पहुंचेंगे ही।

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  3. जीते रहे हम जिनकी खुशी के लिए
    वो रोने भी न आए मेरे मरने के बाद

    बहुत खूब !

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  4. namaze janaja men aaye sabhi log magar
    mare the jinke liye rah gaye wuzu karte karte

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  5. गहरे भाव समेटती हुई रचना है.

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