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Thursday, October 14, 2010


कल रात ना जाने क्या बात हुई
तेरी याद आई और बरसात हुई।

शुरू हुए अपने अत्फ के किस्से
जब आपकी और मेरी मुलाकात हुई।

तेरे ही हुस्न का जलाल है ये
विरां सी जिन्दगी भी गुलजार हुई।

तेरे ही अफसाने गुंजते हैं मेरे अंजुमन में
मेरी हर शाम अब तो जश्न-ए-बहार हुई।

6 comments:

  1. शुरू हुए अपने अत्फ के किस्से
    जब आपकी और मेरी मुलाकात हुई।
    बहुत खूब। बधाई।

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  2. वाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा

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  3. bahut khoob Amit ji...........me to fan ho gaya apka

    sanjay
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

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  4. कल रात ना जाने क्या बात हुई
    तेरी याद आई और बरसात हुई।

    शुरू हुए अपने अत्फ के किस्से
    जब आपकी और मेरी मुलाकात हुई।

    bahut khoob bhai..
    ek-shayar.blogspot.com

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