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Monday, October 25, 2010

जुल्म की इन्तेहा

मैंने तुम्हे चाहा
ये मेरे इश्क की इब्तदा थी
अब देखना ये है कि
तेरे जुल्म की
इन्तेहा क्या है।

4 comments:

  1. दिल जीत लिया एहसास भाई

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  2. नव वर्ष २०११ की मंगल कामना

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