मैनें लिख कर दी थी तुम्हे
अपनी चन्द कविताएं।
शब्दों की जगह
उकेरे थे मैनें
अपने जज्बात।
निकाल कर रख दिए थे मैनें
कागज के एक
छोटे से टुकडे. पर
अपने दिल के सारे अरमान।
इस ख्याल में कि
शायद
मेरी पाक मोहब्बत
तेरे दिल की गहराईयों तक
पैबस्त हो जाए।
पर मेरे सारे जज्बात
हर्फ-दर-हर्फ
बिखर गए।
जब मैंने ये जाना कि
तुम्हारी जिदंगी में
मेरी जगह
किसी और ने ले ली है।
दिल के दर्द ाउर शिकवे को बहुत विनम्रता से शब्दों मे उतारा है। अच्छी लगी रचना। शुभकामनायें।
ReplyDeleteachha hai. great...!
ReplyDeletewah bro... nice feelings..
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