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Sunday, February 6, 2011
अधुरी ख्वाहिशे
चलते-चलते यूॅ ही मैंने
पीछे मुड़कर देखा
दूर दूर तक तुम
कहीं नही थी।
नजर आए भी तो
कुछ अधुरी ख्वाहिशे
और
कुछ कुचले हुए जज्बात।
तेरी बेवफाई के
पॉवों से घायल
वफा की राहों में
यहॉ वहॉ बिखरे हुए।
आप बोल गये कि हम बगले के हैं आपके, जबकि आप त हमरे ससुराल के हैं.. चलिये ऊ सब दीगर बात! आपका नज़्म बहुत अच्छा लगा.. बिबिध बिसय पर लिखिये, आपमें प्रतिभा है!! इस पर तबस एतने कहेंगे कि हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी किहर ख़्वाहिश पे दअम निकले, बहुत निकले मेरे अरमान, लेकिन फिर भी कम निकले!!
बहुत खूब, दिल के जज्बातो को खूबसूरत शब्द दिये है आपने
ReplyDeleteशुभकामनाये
वाह ! क्या बात है, बहुत ही सुन्दर
ReplyDeleteयहाँ वहाँ बिखरे हुए थे.....अब क्या कहें.
ReplyDeleteखुबसूरत अहसासों को समेटे ,दिल कि गहराई से लिखी गयी रचना ,बधाई
ReplyDeletesudar kavita. utne hi sundar chitr ka chunav.
ReplyDelete"ला-जवाब" जबर्दस्त!!
ReplyDeleteअहसासों का बहुत अच्छा संयोजन है ॰॰॰॰॰॰ दिल को छूती हैं पंक्तियां ॰॰॰॰ आपकी रचना की तारीफ को शब्दों के धागों में पिरोना मेरे लिये संभव नहीं
ReplyDeleteमन के भावों का सुन्दर चित्रण किया है। शुभकामनायें।
ReplyDeleteख्वाहिशें तो हमेशा अधूरी रहती हैं।
ReplyDelete---------
समाधि द्वारा सिद्ध ज्ञान।
प्राक़तिक हलचलों के विशेषज्ञ पशु-पक्षी।
बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति..
ReplyDelete....................
ReplyDeleteकुछ अधूरी ख्वाहिशें
.................कुछ
कुचले हुए जज्बात ....
बड़ी गहरी चोट दे रही है कोमल रचना अमित भाई !
कम शब्दों में बहुत कुछ कह दिया ,भाई.
ReplyDeleteसलाम
आप बोल गये कि हम बगले के हैं आपके, जबकि आप त हमरे ससुराल के हैं.. चलिये ऊ सब दीगर बात! आपका नज़्म बहुत अच्छा लगा.. बिबिध बिसय पर लिखिये, आपमें प्रतिभा है!!
ReplyDeleteइस पर तबस एतने कहेंगे कि
हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी किहर ख़्वाहिश पे दअम निकले,
बहुत निकले मेरे अरमान, लेकिन फिर भी कम निकले!!
ati sunder amit ji
ReplyDeleteआपके उदगार मन को आंदोलित कर गए। हमरो पोस्ट पर आपन विचार दीजिएगा। हम भी आपके नजदीक ही हैं।धन्यवाद।
ReplyDeleteपीछे मुड़ कर मत देखिए जनबा,, जिंदगी आगे बढ़ते जाने का नाम है। रही बात वेबाफाई तो गालिब ने कहा है कुछ तो मजबूरियां रही होगी यूं ही कोई वेवफा नहीं होता।
ReplyDeleteकुछ कुचले हुए जज्बात।
ReplyDeleteतेरी बेवफाई के
पॉवों से घायल...
waah ! Beautiful !
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बहुत बढियाँ !!
ReplyDeleteतेरी बेवफाई के
ReplyDeleteपॉवों से घायल
वफा की राहों में
यहॉ वहॉ बिखरे हुए।
क्या खूब कही आपने . बेहद मार्मिक और सुंदर प्रस्तुति.....................
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सैनिक शिक्षा सबके लिये अनिवार्य हो