नई दुनिया और नए लोग मुबारक हो तुम्हे
खुशियों की नई सुबह मुबारक हो तुम्हे।
ऑंसुओं के रूप कई तरह के होते है
हम खुश हैं इसलिए तो रोते है।
अश्कों से अपना नाता पुराना है
भरी-भरी आँखों के साथ हमें मुस्कुराना है।
गम और मैं बचपन से साथी है
खुशियाँ क्या है बस आती और जाती है।
कभी गमों का साया तेरे करीब न आए,
हर वक्त खुश रहे तू और सदा मुस्कुराए।
और क्या लिखँू ज्यादा लिख नही पाऊगाँ
बहुत देर से रोके बैठा हूँ अश्कों को
अब और नहीं रोक पाऊगाँ।
अश्क गिरे पन्नों पर तो अक्षर बिखर जाएगें
रोते हुए हम आपको अलविदा भी न कह पाएगें।
अश्क गिरे पन्नों पर तो अक्षर बिखर जाएगें
ReplyDeleteरोते हुए हम आपको अलविदा भी न कह पाएगें।
kya baat hai! aamin.
अश्क गिरे पन्नों पर तो अक्षर बिखर जाएगें
ReplyDeleteरोते हुए हम आपको अलविदा भी न कह पाएगें।
बहुत भावमय मार्मिक अभिव्यक्ति है। शुभकामनायें।
वाह ! अमित जी..
ReplyDeleteइस कविता का तो जवाब नहीं !
अमित भाई
ReplyDeleteबडी भावुक रचना रची है आपने, पढते पढते कही खो गया था।
बहुत बहुत बहुत बधाई
इस सुन्दर सी रचना के लिए
वाह सर! वाह
ReplyDeleteआपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (19.02.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.uchcharan.com/
ReplyDeleteचर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
अश्क गिरे पन्नों पर तो अक्षर बिखर जाएगें
ReplyDeleteरोते हुए हम आपको अलविदा भी न कह पाएगें।
बहुत सुंदर लिखा है -
बधाई
बेहद भावनात्मक रचना
ReplyDeleteकविता ख़ूबसूरत है..
ReplyDeleteआपका धन्यवाद...
wah.ekdam bhawbhini....
ReplyDeleteवाह साहब ... आप तो दिल चीर के रख दिए हैं ... बहुत सुन्दर रचना !
ReplyDeleteभावुक सी रचना
ReplyDelete'अश्कों से अपना नाता पुराना है
ReplyDeleteभरी -भरी आँखों के साथ हमें मुस्कुराना है '
भाई अमितजी ,
बहुत भावपूर्ण , यही तो जिंदगी है |
अश्कों से अपना नाता पुराना है
ReplyDeleteभरी-भरी आँखों के साथ हमें मुस्कुराना है।
गम और मैं बचपन से साथी है
खुशियाँ क्या है बस आती और जाती है।
बहुत मार्मिक लेखन है आपका यक़ीनन.
खुशियों और गमों का स्वभाव है कि वे आती जाती रहती हैं।
ReplyDeleteऔर यही तो जीवन है।
बहुत भावपूर्ण , यही तो जिंदगी है |
ReplyDeleteअश्क गिरे पन्नों पर तो अक्षर बिखर जाएगें
ReplyDeleteरोते हुए हम आपको अलविदा भी न कह पाएगें।
...bahut sundar bhavuktapurn prastuti..
अलविदा कहने का अंदाज़ पसंद आया.
ReplyDeleteसलाम.