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Monday, August 29, 2011

जिंदगी की भी अजीब दास्तान होती है........


चित्र गूगल साभार



जिन्दगी की भी अजीब दास्तान होती है
हर गुजरता लम्हा मौत का फरमान होती है।

वक्त भी गर दगा दे तो कोई क्या करे
बहारों में भी चमन वीरान होती है।

धोखा और फरेब ही फितरत है जिनकी
ऐसे लोगों पर ही जिन्दगी मेहरबान होती है।

कहते हैं लोग के हम हबीब है तेरे
बुरे वक्त में ही उनकी पहचान होती है।

क्योंकर भरोसा किया हमनें उनपर जिनके
हाथों में खंजर और चेहरे पे मुस्कान होती है।

22 comments:

  1. क्योंकर भरोसा किया हमनें उनपर जिनके
    हाथों में खंजर और चेहरे पे मुस्कान होती है।

    यथार्थ को कहती अच्छी गज़ल

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  2. धोखा और फरेब ही फितरत है जिनकी
    ऐसे लोगों पर ही जिन्दगी मेहरबान होती है।



    जिंदगी की यही तो है भूल
    यह मेहरबानी ही बाद में बनती है शूल।

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  3. बहुत यत्न से आपने विचारों का ताना-बाना बुना है!
    सुन्दर रचना!

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  4. बहुत खूब ......हर शेर बेहतरीन........पर मुझे लगा .....चमन वीराना 'होता' है न की 'होती' है|

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  5. बहुत बढ़िया लिखा है सर।
    ----
    कल 31/08/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  6. क्योंकर भरोसा किया हमनें उनपर जिनके
    हाथों में खंजर और चेहरे पे मुस्कान होती है।

    behtreen najm ke liye badhai aapko

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  7. शुरु के दो शेरों में लम्हा और चमन पुल्लिंग हैं (कृपया अन्यथा न लें- गुजरता लम्हा / गुजरती घड़ी और चमन /हर शय किया जा सकता है क्या ?),अंतिम तीनों शेर बेमिसाल हैं.

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  8. जैसे ही आसमान पे देखा हिलाले-ईद.
    दुनिया ख़ुशी से झूम उठी है,मनाले ईद.
    ईद मुबारक

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  9. बहुत ही अच्‍छा लिखा है आपने

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  10. जिन्दगी की भी अजीब दास्तान होती है
    हर गुजरता लम्हा मौत का फरमान होती है।

    ..लाज़वाब गज़ल ...हरेक शेर बहुत उम्दा..

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  11. क्योंकर भरोसा किया हमनें उनपर जिनके
    हाथों में खंजर और चेहरे पे मुस्कान होती है।

    बहुत ही सच कहा आपने आज का ज़माना ऐसा ही हो गया है /दुनिया मतलबी और स्वार्थी हो गई है /कहतें है ना की सुख के सब साथी दुःख का ना कोई /शानदार प्रस्तुति के लिए बधाई आपको /


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    www.prernaargal.blogspot.com thanks

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  12. matlabii duniyaa kii haqeekat ko bayaan karti rachna

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  13. कहते हैं लोग के हम हबीब है तेरे
    बुरे वक्त में ही उनकी पहचान होती है।
    बहुत सुन्दर और साफ़ शब्दों में अच्छे बुरे को परिभाषित करती खूबसूरत रचना |

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  14. जिन्दगी की भी अजीब दास्तान होती है
    हर गुजरता लम्हा मौत का फरमान होती है।

    एकदम सही,
    यही तो जीवन दर्शन है।

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  15. कहते हैं लोग के हम हबीब है तेरे
    बुरे वक्त में ही उनकी पहचान होती है।

    वाह! बहुत खूब!

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  16. बढ़िया ग़ज़ल।
    हर शेर सच्चाई को अभिव्यक्त कर रहा है।

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  17. बढ़िया शेर ....उम्दा प्रस्तुति

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  18. कहते हैं लोग के हम हबीब है तेरे
    बुरे वक्त में ही उनकी पहचान होती है....बहुत ही सुन्दर.

    उम्दा रचना!

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  19. JO khuda ne haath me likh di kahani hai
    bas wahi meri tumhari jindagaani

    tanhaayaadein.blogspot.com

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  20. एक उम्दा रचना.... बधाई...

    आकर्षण

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  21. lambe samay se blog par nahi likh rahe hain amit ji ...aap swasth aur prasann to hain na ?

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